एक श्रेणीबद्ध $\text{LCR}$ परिपथ में $C =10 \mu F$ एवं $\omega=1000$ सेकेण्ड ${ }^{-1}$ हैं। परिपथ में महत्तम धारा के लिये प्रेरकत्व $L$ का मान कितना होना चाहिये?
[2007]
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श्रेणी $\text{LCR}$ परिपथ में अनुनाद की स्थिति में धारा का मान अधिकतम होता है। पुनः अनुनाद की स्थिति में,
$ \omega=\frac{1}{\sqrt{ LC }}$
$\therefore 1000=\frac{1}{\sqrt{ L \times 10 \times 10^{-6}}}$
$\sqrt{ L \times 10 \times 10^{-6}}=\frac{1}{1000} $
$\Rightarrow L \times 10 \times 10^{-6}=\left(\frac{1}{1000}\right)^2$
$\Rightarrow L =\frac{1}{10} H =100 mH $
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किसी स्त्रोत जिसका emf, $V=10 \sin 340 t$ है, से श्रेणी में $20 mH$ का प्रेरक, $50 \mu F$ का संधारित्र तथा $40 \Omega$ का प्रतिरोधक संयोजित है। इस प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में शक्ति क्षय है:
एक कुंडली का स्व-प्रेरकत्व $L$ है। यह श्रेणी क्रम मे एक विद्युतबल्ब $B$ तथा एक ए.सी. (A.C.) स्रोत से जुड़ी है। इस बल्ब के प्रकाश की दीप्ति (तीव्रता) कम हो जायेगी, जब
एक विद्युत परिपथ में $R, L, C$ तथा एक ए. सी. वोल्टता स्त्रोत सभी श्रेणी क्रम में जुड़े हैं। परिपथ में से $L$ को हटा देने से वोल्टता तथा विद्युत धारा के बीच कलान्तर $\pi / 3$ हो जाता है, यदि इसके बजाय $C$ को परिपथ से हटा दिया जाये तो, यह कलान्तर फिर भी $\pi / 3$ रहता है। परिपथ का शक्ति गुणांक है :
एक ट्रांसफार्मर की प्राथमिक कुण्डली में 500 फेरे हैं तथा द्वितीयक कुण्डली में 5000 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली को $20 V , 50 Hz A . C$. से जोड़ा जाता है। द्वितीयक से कितना निर्गत मिलेगा?
एक स्टेप अप ट्रांसफार्मर $230 V$ पर काम करता है तथा धारा का मान $2 A$ है। प्राथमिक तथा द्वितीयक में फेरों की संख्या का अनुपात $1: 25$ है तो प्राथमिक में धारा का मान है