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एक 10 सेमी वक्रता त्रिज्या वाले काँच $\left( a ^{ n } g =\frac{3}{2}\right)$ के द्वि-उत्तल लेन्स $A B$ को तल के अनुदिष दो बराबर भागों में काटा जाता है। लेन्स के किसी एक भाग को जल $\left( a ^{ n } g =\frac{4}{3}\right)$ में डुबाने पर उस भाग की फोकस दूरी की गणना कीजिए।
दूर दृष्टि क्या है? एक दूर दृष्टि दोप वाले व्यक्ति का निकट बिन्दु आँख से 150 सेमी पर है। यदि वह 25 सेमी पर रखी पुस्तक के पढ़ना चाहता है। तो उसे कितनी क्षमता का लेन्स लगाना होगा?
एक काँच $( n =1.5)$ का गोला 20 सेमी व्यास का हैं एक समान्तर किरण पुंज एक ओर से इसमें प्रवेश करती है। अपवर्तन के पष्चात् दूसरी ओर से यह किरण पुंज कहाँ फोकसित होगी?
एक पतले लेन्स के लिए फोकस दूरी का सूत्र अपवर्तनांक तथा वक्तता त्रिज्याओं के पर्दों में व्यंजक प्राप्त कीजिए। यदि लेन्स का अपवर्तनांक से 1.5 तथा अपवर्तनांक वाले द्रव में डुबों दिया जाए, तो इसकी फोकस दूरी कितनी हो जाएगी?
एक अवतलोत्तल लेन्स की अवतल और उत्तल पृष्ठों की वकता त्रिज्यायें क्रमशः 15 सेमी तथा 10 सेमी हैं। यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 तथा एक द्रव का अपवर्तनांक 1.7 हो, तो लेन्स की वायु तथा द्रव में फोकस दूरियों की गणना कीजिए।
हम सदैव कहते हैं कि आभासी प्रतिबिंब को परदे पर केंद्रित नहीं किया जा सकता। यद्यपि जब हम किसी आभासी प्रतिबिंब को देखते हैं तो हम इसे स्वाभाविक रूप में अपनी आँख को स्क्रीन (अर्थात रेटिना) पर लाते हैं। क्या इसमें कोई विरोधाभास है?
क्रान्तिक कोण की परिभाषा दीजिए। पानी तथा काँच के अपवर्तनांक क्रमशः $\frac{4}{3}$ तथा $\frac{3}{2}$ हैं। काँच से पानी पर आपतित प्रकाश किरण के लिये कान्तिक कोण का मान ज्ञात कीजिए।