काँच के बने एक उत्तल लेन्स को एक ऐसे द्रव में डुबोया जाता है, जिसका अपवर्तनांक काँच से अधिक है। लेन्स की फोकस दूरी तथा प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
2018
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स्वप्रयत्न
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एक संयुक्त सूक्षमदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स का आवर्धपन 7 है। यदि सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता 42 हो, तब अभिनेत्र लेन्स की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। जब अन्तिम प्रतिबिम्ब स्पप्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी ( 25 सेमी) पर बनता है।
$3 / 2$ अपवर्तनांक वाले काँच के एक उत्तल लेंस के प्रत्येक पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या 10 से. मी. हैं। लेंस के दोनों ओर $4 / 3$ अपवर्तनांक का माध्यम हैं। लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से बायीं ओर 20 सेमी दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
एक काँच $( n =1.5)$ का गोला 20 सेमी व्यास का हैं एक समान्तर किरण पुंज एक ओर से इसमें प्रवेश करती है। अपवर्तन के पष्चात् दूसरी ओर से यह किरण पुंज कहाँ फोकसित होगी?
एक पतले काँच $\left({ }_{ a } n _{ g }=\frac{3}{2}\right)$ के प्रिज्म द्वारा एक प्रकाश किरण का न्यूनतम विचलन कोण $40^{\circ}$ है। यदि प्रिज्म को एक द्रव $\left({ }_{ a } n _{ l }=\frac{5}{4}\right)$ में डुबों दिया जाये तो न्युनतम विचलन कोण कितना होगा?
किसी कमरे की एक दीवार पर लगे विद्युत बल्ब का किसी बड़े आकार के उत्तल लेंस द्वारा 3 मी. दूरी पर स्थित सामने की दीवार पर प्रतिबिंब प्राप्त करना है। इसके लिए उत्तल लेंस की अधिकतम फोकस दूरी क्या होनी चाहिए?
एक अवतलोत्तल लेन्स की अवतल और उत्तल पृष्ठों की वकता त्रिज्यायें क्रमशः 15 सेमी तथा 10 सेमी हैं। यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 तथा एक द्रव का अपवर्तनांक 1.7 हो, तो लेन्स की वायु तथा द्रव में फोकस दूरियों की गणना कीजिए।
प्रकाश किरण, प्रिज्म के पृष्ठ $AB$ पर अभिलम्बवत् आपतित होती है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। $\frac{4}{3}$ अपवर्तनांक का एक द्रव पृष्ठ $AC$ के ऊपर रखा जाता है। ज्ञात कीजिए, क्या पृष्ठ $AC$ से प्रकाश किरण का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाए। (प्रिज्म का अपवर्तनांक $=3 / 2)$