एक कण का स्थिति सदिश
$
\vec{r}=(a \cos \omega \hat{i})+(a \sin \omega t) \hat{j}
$
है। इस कण का वेग:
[1994]
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(d) $\vec{r}=(a \cos \omega t) \hat{i}+(a \sin \omega t) \hat{j}$ $
\begin{aligned}
& \overrightarrow{ v }=\frac{ d \overrightarrow{ r }}{ dt }=\frac{ d }{ dt }\{( a \cos \omega t ) \hat{ i }+( a \cos \omega t ) \hat{ j }\} \\
& \overrightarrow{ v }=(- a \omega \sin \omega t) \hat{ i }+( a \omega \cos \omega t ) \hat{ j } \\
& \overrightarrow{ v }=\omega[- a \sin \omega t \hat{i}+ a \cos \omega \hat{ j }]
\end{aligned}
$
$\overrightarrow{ r }$ की ढ़ाल $=\frac{ a \sin \omega t }{ a \cos \omega t }=\tan \omega t$
$v$ की ढ़ाल $=\frac{- a \cos \omega t }{ a \sin \omega t }=\frac{1}{-\tan \omega t }$
अतः वेग व विस्थापन एक दूसरे के लम्बवत् होंगे।
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एक $0.25$ किग्रा की बॉल एक $1.96$ मी लम्बे धागे में बांघकर क्षैतिज वृत्त में घुमायी जाती है। यदि धागे में तनाव $25 N$ से अधिक हो तो धागा टूट जाता है। कितने अधिकतम वेग से बॉल को घुमाओगे?
एक कण इस प्रकार गति करता है कि इसके स्थिति निर्देशांक $(x, y)$ निम्न प्रकार हैं
(2मी, 3 मी) समय $t=0$ पर (6मी, 7 मी) समय $t=2$ सेकण्ड पर (13मी, 14 मी) समय $t=5$ सेकेण्ड पर तो, $t =0$ से $t =5$ सेकण्ड तक, औसत वेग सदिश $\left(\overrightarrow{ V }_{ av }\right)$ होगा
सदिश $\overrightarrow{ A }$ और $\overrightarrow{ B }$. इस प्रकार हैं कि $|\overrightarrow{ A }+\overrightarrow{ B }|=|\overrightarrow{ A }-\overrightarrow{ B }|$ इन दो सदिशों के बीच का कोण है:
$\ell$ लम्बाई की रस्सी के एक सिरे पर पत्थर बाँधकर उसके दूसरे सिरे को केंद्र बनाकर उसे ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है। किसी निश्चित समय पर, पत्थर अपनी निम्नतम स्थिति में $u$ वेग से है। जब यह इस स्थिति में पहुँचेगा कि रस्सी क्षैतिज हो तो इसके वेग के परिमाण में परिवर्तन है: $( g$ गुरुत्वीय त्वरण है)
$m$ द्रव्यमान का एक कण क्षैतिज दिशा से $45^{\circ}$ का कोण बनाते हुए $v$ वेग से प्रक्षेपित किया गया है। कण के समतल जमीन पर उतरने पर उसके संवेग में परिवर्तन का परिमाण होगा :
एक $0.4$ किग्रा का द्रव्यमान 2 चक्कर/सेकंड से ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है। वृत्त की त्रिज्या $1.2$ मीटर है तो उच्चतम बिन्दु पर धागे में तनाव होगा