एक प्रक्षेपास्त्र को अधिकतम परास के लिए प्रक्षेपित किया गया है। इसका प्रारम्भिक वेग $20 m / s$ है। यदि $g =10 m / s ^2$ हो तो प्रक्षेपास्त्र का परास होगा:
[2011]
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(a) अधिकतम परास के लिए प्रक्षेप कोण $\theta=45^{\circ}$.
$
\begin{aligned}
\therefore \quad R & =\frac{ u ^2 \sin 2 \theta}{ g } \\
& =\frac{(20)^2 \sin \left(2 \times 45^{\circ}\right)}{10} \\
& =\frac{400 \times 1}{10}=40 m .
\end{aligned}
$
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एक वस्तु पर लगे तीन बल इस चित्र में दर्शाए गए हैं। यदि इन बलों का परिणामी बल केवल $y$-दिशा में होना हो तो $X$-अक्ष की दिशा में आवश्यक अतिरिक्त बल का न्यूनतम मान क्या होगा?
एक $0.4$ किग्रा का द्रव्यमान 2 चक्कर/सेकंड से ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है। वृत्त की त्रिज्या $1.2$ मीटर है तो उच्चतम बिन्दु पर धागे में तनाव होगा
यदि सदिश $\overrightarrow{ A }$ और $\overrightarrow{ B }$ के बीच का कोण $\theta$ है तो $(\overrightarrow{ B } \times \overrightarrow{ A }) \cdot \overrightarrow{ A }$ का मान है:
एक छोटे गोले को धागे में बांधकर $O$ के सापेक्ष ऊर्ध्वाधर वृत में घुमाया जाता है। यदि उसकी औसत चाल बढ़ायी जाए तो धागा टूटने की स्थिति में आ जाता है। उस समय गोले की स्थिति होगी-
एक कण इस प्रकार गति करता है कि इसके स्थिति निर्देशांक $(x, y)$ निम्न प्रकार हैं
(2मी, 3 मी) समय $t=0$ पर (6मी, 7 मी) समय $t=2$ सेकण्ड पर (13मी, 14 मी) समय $t=5$ सेकेण्ड पर तो, $t =0$ से $t =5$ सेकण्ड तक, औसत वेग सदिश $\left(\overrightarrow{ V }_{ av }\right)$ होगा
दो कण $A$ तथा $B$ एक छड़ $AB$ पर है। यह छड़ लम्बवत् रेलों पर फिसलती है। $A$ का वेग बायें की ओर 10 मी/सेकंड है तो $B$ का वेग होगा यदि $\alpha=60^{\circ}$