किसी क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में जल संसाधन होने के बावजूद भी वहाँ जल की दुर्लभता हो सकती है। इसके लिए जल की अत्यधिक माँग, अतिशोषण तथा जल की खराब गुणवत्ता उत्तरदायी है।
अत्यधिक और बढ़ती जनसंख्या और उसके परिणामस्वरूप जल की बढ़ती माँग जल दुर्लभता को जन्म देती है।
समाज के विभिन्न वर्गों में जल का असमान वितरण भी जल दुर्लभता के लिए उत्तरदायी है।
अधिक जनसंख्या के लिए घरेलू उपयोग में ही नहीं बल्कि अधिक अनाज उगाने के लिए भी जल संसाधनों का अतिशोषण किया जाता है।
शहरीकरण, औद्योगीकरण तथा शहरी जीवनशैली के कारण भी प्रचुर मात्रा वाले क्षेत्रों में जल दुर्लभता दिखाई देती है।
प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध हो लेकिन वह प्रदूषित हो तो यह भी जल दुर्लभता की श्रेणी में आता है।