किसी विद्युत धारावाही पाश के प्रत्येक बिन्दु पर उसके चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र को निरुपित करने वाले संकेन्द्री वृत्तों का आकार तार से दूर जाने पर निरन्तर बड़ा होता जाता है। जैसे ही हम वृत्ताकार पाश के केन्द्र पर पहुँचते हैं, इन बृहत् वृत्तों के चाप सरल रेखाओं जैसे प्रतीत होने लगते हैं। विद्युत धारावाही तार के प्रत्येक बिन्दु से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ पाश के केन्द्र पर सरल रेखा जैसी प्रतीत होने लगती हैं।
किसी कुण्डली में फेरों की संख्या का प्रभाव- कुण्डली में फेरों की संख्या बढ़ा दी जाए, तो चुम्बकीय क्षेत्र भी बढ़ जाता है। इसके कारण, चुम्बकीय क्षेत्र. की प्रबलता कुण्डली में फेरों की संख्या के साथ बढ़ती जाती है।