सामान्य घरेलू परिपथों को दर्शाने वाला कोई उचित व्यवस्था आरेख खींचकर फ्यूज़ के महत्व का वर्णन कीजिए। ऐसा क्यों है कि किसी जले हुए फ्यूज़ का प्रतिस्थापन सर्वसम अनुमतांक के अन्य फ्यूज़ द्वारा ही किया जाना चाहिए?
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फ्यूज का महत्व
घरेलू परिपथ तथा विद्युत साधित्रों में फ्यूज एक महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक युक्ति है।
फ्यूज अतिभारण के कारण होने वाली क्षति की रोकथाम करता है।
फ्यूज लघुपथन के कारण लगने वाली आग से परिपथ को सुरक्षा प्रदान करता है। किसी विशेष साधित्र के लिए निश्चित अनुमतांक वाले फ्यूज का ही प्रयोग किया जाना चाहए। कम अनुमतांक वाले फ्यूज के कारण बहुत ही असुविधा होती है क्योंकि फ्यूज को बार-बार बदलना पड़ता है। उच्च अनुमतांक वाला फ्यूज भी उचित नहीं होता क्योंकि यह उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा। अर्थात् साधित्र में तय सीमा से अधिक धारा प्रवाहित होने पर भी वह नहीं पिघलेगा। अतः किसी जले हुए फ्यूज का प्रतिस्थापन सर्वसम अनुमतांक के अन्य फ्यूज द्वारा ही किया जाना चाहिए।
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उत्तर दक्षिण की ओर संकेत करने वाली चुंबकीय दिक्सूची, जिसके समीप कोई चुंबक नहीं है, के निकट कोई छड़ चुंबक अथवा धारावाही पाश लाने पर, विक्षेपित क्यों हो जाती है? चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की परिकल्पना के कुछ प्रमुख लक्षणों का वर्णन कीजिए।
किसी वृत्ताकार पाश में प्रवाहित धारा के कारण चुंबकीय क्षेत्र का आरेख खींचिए। ऐसा क्यों है कि n फेरों की किसी वृत्ताकार कुंडली से किसी बिंदु पर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र एक फेरे द्वारा उसी बिंदु पर उत्पन्न क्षेत्र का n गुना होता है।
नामांकित परिपथ आरेख की सहायता से किसी $AC$ जनित्र की कार्यविधि का वर्णन कीजिए। इसे $DC$ जनित्र में परिवर्तित करने के लिए इस व्यवस्था में क्या परिवर्तन किए जाने चाहिए?
किसी भी विद्युत साधित्र के साथ श्रेणी क्रम में उपयोग किए जाने वाले फ्यूज़ की क्या भूमिका होती है? किसी निर्धारित अनुमतांक के फ्यूज़ को अधिक अनुमतांक के फ्यूज़ द्वारा प्रतिस्थापित क्यों नहीं करना चाहिए?
नामांकित परिपथ आरेख की सहायता से किसी सीधे लंबे धारावाही चालक तार के चारों ओर की चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के पैटर्न की व्याख्या कीजिए। किसी धारावाही चालक से संबद्ध चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने में दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम किस प्रकार उपयोगी है?
उस क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए जो यह दर्शाता है कि किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित कोई धारावाही चालक एक बल अनुभव करता है जो उसकी लंबाई तथा बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत् होता है। फ्लेमिंग का वामहस्त नियम किसी धारावाही चालक पर लगने वाले बल की दिशा ज्ञात करने में हमारी सहायता किस प्रकार करता है? स्पष्ट कीजिए।
वैद्युत चुंबकीय प्रेरण की परिघटना स्पष्ट कीजिए। यह दर्शाने के लिए किसी प्रयोग का वर्णन कीजिए कि जब किसी बंद पाश से गुजरने वाले बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में कमी अथवा वृद्धि होती है, तो उस पाश में विद्युतधारा प्रवाहित होती है।