विद्युत चुम्बकीय प्रेरण - इसका प्रदर्शन सर्वप्रथम माइकल फैराडे द्वारा 1831 में किया गया। जब कोई विद्युत धारावाही चालक किसी चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखा जाता है कि चालक में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् हो, तो वह चालक एक बल का अनुभव करता है। इस बल के कारण वह चालक गति करने लगता है।
क्रियाकलाप:
प्रेक्षण: