धारावाही पाश किसी छड़ चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है और दोनों की अपनी-अपनी चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ होती है। यह पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र पहले ही रूपान्तरित करता है जिससे विक्षेप होता है। चुम्बकीय क्षेत्र में दिशा तथा परिमाण दोनों होते हैं। चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ N-ध्रुव से निकलकर S-ध्रुव में प्रवेश करती हैं। आरेखी रूप से चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता क्षेत्र रेखाओं की निकटता की कोटि द्वारा चित्र द्वारा प्रदर्शित की जाती है।
क्षेत्र रेखाएँ कभी भी परस्पर प्रतिच्छेदित नहीं करती हैं क्योंकि किसी एकल बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र के दो मान नहीं हो सकते। केवल एक ही मान हो सकता है। यदि दिए गए क्षेत्र में, क्षेत्र रेखाएँ परस्पर समान्तर हों, तो स्वाभाविक रूप से चुम्बकीय क्षेत्र समरूप होता है।