स्वदेशी आंदोलन- वह आंदोलन जो बंगाल के विभाजन के बाद शुरू हुआ, उसे स्वदेशी आंदोलन कहा जाने लगा।
स्वदेशी आंदोलन के मुख्य उद्देश्य - इस आंदोलन के मुख्य उद्देश्य थे- (i) ब्रिटिश शासन का विरोध करना।
(ii) स्वदेशी उद्यम, राष्ट्रीय शिक्षा, भारतीय भाषाओं के प्रयोग एवं स्वयं - सहायता के विचारों को प्रोत्साहन देना।
(iii) स्वराज के लिए संघर्ष हेतु जनता को लामबंद करना।
(iv) ब्रिटिश संस्थाओं एवं वस्तुओं के बहिष्कार पर जोर देना।
स्वदेशी आंदोलन के अन्तर्गत किये गये कार्य-
(1) इस आंदोलन के तहत अंग्रेजी कपड़े तथा अन्य विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर जगह-जगह विदेशी कपड़ों की होलियाँ जलाई गईं।
(2) अपने देश में ही बनी वस्तुओं के लिए जन जागरण किया गया।