1890 तक एक वैश्विक कृषि-व्यवस्था स्थापित हो चुकी थी। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं-
श्रम विस्थापन रुझानों, पूँजी प्रवाह, पारिस्थितिकी और तकनीक में गहरे परिवर्तन आए।
अब भोजन हजारों मील दूर से भी आने लगा था।
अब बाहर से आए ऐसे औद्योगिक मजदूर खेतों में काम कर रहे थे जो एक पीढ़ी पूर्व सम्भवतः जंगल रहे होंगे।
खाद्य पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने के लिए रेलवे का प्रयोग किया जाता था।
पानी के जहाजों से खाद्य पदार्थों को दूसरे देशों में पहुंचाया जाता था।