विदेशों में भारतीय उद्यमियों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
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(1) शिकारीपूरी श्रॉफ तथा नटूकोट्टई चेट्टियार भारत के प्रसिद्ध बैंकर और व्यापारी थे जो मध्य एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में निर्यातोन्मुखी खेती के लिए ऋण देते थे। इसके लिए या तो वे अपनी जेब से पैसा लगाते थे अथवा यूरोपीय बैंकों से ऋण लेते थे। उनके पास दूर-दूर तक धनराशि पहुँचाने की एक संगठित पद्धति होती थी।
(2) हैदराबादी सिन्धी व्यापारी तो यूरोपीय उपनिवेशों से भी आगे तक जा पहुँचे। 1860 के दशक से उन्होंने संसार भर के बन्दरगाहों पर अपने बड़े-बड़े एम्पोरियम खोल दिए। इन दुकानों में पर्यटकों को आकर्षक स्थानीय और विदेशी वस्तुएँ मिलती थीं।
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