विद्युत अपघटन के द्वारा क्लोरीन बनाने में $100 W$ की पावर $125 V$ पर खर्च होती है। 1 मिनट में कितनी क्लोरीन बनेगी। क्लोरीन का वैद्युत रासायनिक तुल्यांक (E.C.E.) $0.367 \times 10^{-6}$ किग्रा/कलॉम
[2006]
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(d) $P=V I$
$
\Rightarrow I =\frac{100}{125}
$
क्लोरीन का E.C.E. $=0.367 \times 10^{-6} kg / C$ $1 min$ में आवेश $=\frac{100 \times 60}{125}=48 C$ क्लोरीन की मात्रा $=0.367 \times 10^{-6} \times 48$ $=17.6 \times 10^{-6}$ किलोग्राम $=17.6$ मिलीग्राम
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एक बैटरी में $10 \ A$ की धारा 8 घंटे तक प्रवाहित की गयी तो उसका विभव $15 V$ है। यह बैटरी विआवेशित होने पर $15$ घंटे के लिए $5\ A$ की धारा देती है यानि विआवेशीकरण के दौरान इसकी छोर वोल्टता $14$ वोल्ट है। बैटरी की वाट $-$ घंटा क्षमता है:
एक वलय, एक तार जिसका प्रतिरोध $R_0=12 \Omega$ से बना है। इस वलय में ऐसे किन दो बिन्दुओं $A$ और $B$ जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, पर धारावाही चालक को जोड़ा जाय ताकि, इन दो बिन्दुओं के बीच उप परिपथ का प्रतिरोध $R =\frac{8}{3} \Omega$ हो।
12 ओम प्रति मीटर के एक तार को मोड़ कर 10 से.मी. त्रिज्या का एक वृत्त बनाया गया है। इसके व्यास के अभिमुख बिन्दुओं, $A$ और $B$, जैसा चित्र में दर्शाया हैं, के बीच के प्रतिरोध का मान होगा:-
एक सेल जिसका विद्युत वाहक बल (ई.एम.एफ) $\varepsilon$ तथा आन्तरिक प्रतिरोध $r$ है को एक परिवर्ती वाहय प्रतिरोध $R$ से जोड़ा जाता है। प्रतिरोध $R$ का मान बढ़ाया जाय तो, $R$ के सिरों के बीच विभवान्तर $V$ तथा $R$ का आलेख होगा:
एक ताम्र वोल्टामीटर में $1.5$ ऐम्पियर की स्थिर धारा 10 मिनट के लिये बहती है। यदि तांबे के लिये विद्युत-रासायनिक तुल्यांक $30 \times 10^{-5}$ ग्राम-कूलाम-1 हो तो इलेक्ट्रोड पर विक्षिप्त ताँबे का द्रव्यमान होगा-