वन मदा-वन मृदाएँ प्रायः ऐसे पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं जहाँ पर्याप्त वर्षा- वन उपलब्ध हैं। इन मृदाओं का गठन पर्वतीय पर्यावरण के अनुसार बदलता रहता है। नदी घाटियों में जहाँ ये मृदाएँ दोमट और सिल्टदार होती हैं, वहाँ ऊपरी ढालों पर इनका गठन मोटे कणों का होता है। हिमालय के हिमाच्छादित क्षेत्रों में इन मृदाओं का अत्यधिक अपरदन होता है और ये अधिसिलिक (acidic) तथा ह्यूमस रहित होती हैं। नदी घाटियों के निचले क्षेत्रों, विशेषकर नदी सोपानों और जलोढ़ पंखों आदि में ये मृदाएँ अत्यन्त उपजाऊ होती हैं।