भारत में संसाधनों की उपलब्धता में बहुत अधिक विविधता पाई जाती है। यहाँ ऐसे प्रदेश भी हैं जहाँ एक तरह के संसाधनों की प्रचुरता है, परन्तु दूसरे तरह के संसाधनों की कमी है। कुछ ऐसे प्रदेश भी हैं, जो संसाधनों की दृष्टि से आत्मनिर्भर हैं और कुछ ऐसे प्रदेश भी हैं, जहाँ महत्त्वपूर्ण संसाधनों की अत्यधिक कमी है। उदाहरण के लिए, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में खनिजों और कोयले के प्रचुर भंडार हैं। अरुणाचल प्रदेश में जल संसाधन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, परन्तु मूल विकास की कमी है। राजस्थान में पवन और सौर ऊर्जा संसाधनों की बहुतायत है, लेकिन जल संसाधनों की कमी है। लद्दाख का शीत मरुस्थल सांस्कृतिक विरासत का धनी है परन्तु यहाँ जल, आधारभूत, अवसंरचना तथा कुछ महत्त्वपूर्ण खनिजों की कमी है।इस प्रकार भारत में संसाधनों की उपलब्धता में क्षेत्रवार बहुत विविधता पाई जाती है।