मृदा अपरदन- मृदा के कटाव एवं उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं।
मृदा अपरदन के कारक-
मानवीय तथा प्राकृतिक दोनों प्रकार के कारक मृदा अपरदन के लिए उत्तरदायी हैं।
कृषि के गलत तरीकों से मृदा अपरदन होता है। गलत ढंग से हल चलाने से, जैसे-ढाल पर ऊपर से नीचे की ओर हल चलाने से वाहिकाएँ बन जाती हैं, जिसके अन्दर से बहता पानी मृदा को अपरदित करता है।
शुष्क एवं बलुई क्षेत्रों में तीव्र हवा मृदा अपरदन का प्रमुख कारण है।
पेड़ों की अविवेकपूर्ण कटाई तथा वनोन्मूलन के कारण बार-बार बातें आती हैं जो मृदा को हानि पहुँचाती हैं।
अति पशुचारण, खनन एवं निर्माण कार्य भी मृदा को अपरदित करने में सहायता करते हैं।