हमारे अनुसार औपचारिक तथा अनौपचारिक साख में औपचारिक साख श्रेष्ठ है। इसका मुख्य कारण हम औपचारिक साख की अच्छाइयों तथा अनौपचारिक साख की कमियों के रूप में निम्न प्रकार बता सकते हैं-
औपचारिक साख की अच्छाइयाँ/गुण-
औपचारिक स्रोतों द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
इसमें लम्बे समय तक के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
भारत में औपचारिक साख स्रोतों पर भारतीय रिजर्व बैंक का नियन्त्रण रहता है।
औपचारिक साख में ऋणी का शोषण नहीं किया जाता है।
इसमें सरकारी नियमों तथा विनियमों का ध्यान रखा जाता है।
अनौपचारिक साख की कमियाँ-
अनौपचारिक स्रोतों द्वारा सामान्यतः ऊँची ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
इसमें कर्जदारों का अनेक प्रकार से शोषण किया जाता है।
इसमें सरकारी नियन्त्रण का भी अभाव पाया जाता है।