अनौपचारिक क्षेत्रक ऋण की कमियाँ अनौपचारिक क्षेत्रक ऋण की दो कमियाँ निम्नलिखित हैं-
अनौपचारिक क्षेत्रकों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है अतः इन स्रोतों द्वारा दिए गए ऋणों पर ब्याज की दर काफी ऊँची होती है।
अनौपचारिक स्रोतों के द्वारा ऋणी का कई प्रकार से शोषण किया जाता है जिससे ऋणी ऋण-जाल में फंस जाता है। ये स्रोत लोगों को अनुत्पादक कार्यों हेतु भी ऋण उपलब्ध करवाते हैं जिससे लोगों की आय में तो वृद्धि नहीं होती वरन् ऋणभार में वृद्धि होती है।
औपचारिक क्षेत्रक के ऋण का बेहतर होना-इस सन्दर्भ में अनौपचारिक क्षेत्रक की तुलना में औपचारिक क्षेत्रक का ऋण बेहतर है क्योंकि औपचारिक क्षेत्रक की ऋणों की ब्याज दर, अनौपचारिक क्षेत्रक के ऋणों की ब्याज दर से बहुत कम होती है। औपचारिक क्षेत्रक के ऋण, ऋण लेने वाले की आय बढ़ाने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं और व्यक्ति का शोषण नहीं होता है।