अवध में किसानों को आन्दोलन क्यों करना पड़ा?
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अवध में किसान आन्दोलन-अवध में किसानों की दशा दयनीय थी, अवध के तालुकदार तथा जमींदार किसानों पर अत्याचार करते थे। वे किसानों से भारी-भरकम लगान और अनेक प्रकार के कर वसूल करते थे। किसानों को बेगार करनी पड़ती थी। किसानों की माँग थी कि लगान कम किया जाए, बेगार समाप्त की जाए तथा दमनकारी जमींदारों का सामाजिक बहिष्कार किया जाए। अवध में संन्यासी बाबा रामचन्द्र ने किसानों के आन्दोलन का नेतृत्व किया। पं. जवाहर लाल नेहरू तथा बाबा रामचन्द्र के नेतृत्व में 'अवध किसान सभा' का गठन किया गया। जब 1921 में असहयोग आन्दोलन शुरू हुआ तो कांग्रेस ने अवध के किसान-संघर्ष को इस आन्दोलन में सम्मिलित करने का प्रयास किया। 1921 में तालुकदारों और व्यापारियों के मकानों पर हमले किए गए और अनाज के गोदामों पर अधिकार कर लिया गया।
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