गाँधीजी की नमक यात्रा मार्च, 1930 में गाँधीजी ने अपने 78 विश्वस्त कार्यकर्ताओं को लेकर साबरमती आश्रम से नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी नामक कस्बे की ओर प्रस्थान किया। गाँधीजी ने 240 किलोमीटर की यह यात्रा पैदल चलकर 24 दिन में पूरी की। 6 अप्रेल को वे दांडी पहुँचे और उन्होंने समुद्र का पानी उबालकर नमक बनाना शुरू कर दिया। इस प्रकार उन्होंने नमक कानून भंग किया।
सविनय अवज्ञा आंदोलन की कार्ययोजना निम्न प्रकार थी-
अंग्रेजों को सहयोग न करना।
औपनिवेशिक कानूनों का उल्लंघन करना।
सरकारी नमक कारखानों के सामने प्रदर्शन करना।
विदेशी कपड़ों का बहिष्कार करना।
शराब की दुकानों की पिकेटिंग करना।