संसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें निम्नलिखित सोपान हैं-
(1) देश के विभिन्न प्रदेशों में संसाधनों की पहचान करके उनकी तालिका बनाना। इस कार्य में क्षेत्रीय सर्वेक्षण, मानचित्र बनाना और संसाधनों का गुणात्मक एवं मात्रात्मक अनुमान लगाना व मापन करना है।
(2) संसाधन विकास योजनाएं लागू करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी, कौशल और संस्थागत नियोजन ढाँचा तैयार करना।
(3) संसाधन विकास योजनाओं और राष्ट्रीय विकास योजना में समन्वय स्थापित करना।
स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरान्त भारत में संसाधन नियोजन के उद्देश्य की पूर्ति के प्रथम पंचवर्षीय योजना से ही प्रयास किए गये।