भारतीय संघीय व्यवस्था की विशेषताएँ भारतीय संघीय व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(1) त्रि-स्तरीय सरकारें भारतीय संविधान में मूल रूप से दो स्तर की शासन व्यवस्था का प्रावधान किया था-()i संघ या केन्द्र सरकार और (ii) राज्य सरकारें। बाद में स्थानीय शासन की संस्थाओं के तीसरे स्तर को भी संविधान में मान्यता दे दी गई है।
(2) शक्तियों का विभाजन-संविधान में स्पष्ट रूप से केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को तीन सूचियों के द्वारा विभाजन किया गया है। ये हैं-(i) संघ सूची, (ii) राज्य सूची एवं (iii) समवर्ती सूची।
संघ सूची में वर्णित विषयों पर कानून बनाने का अधिकार सिर्फ केन्द्र सरकार को है।
राज्य सूची में वर्णित विषयों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकारों को है।
समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को है। लेकिन जब दोनों के कानूनों में टकराव हो तो केन्द्र सरकार द्वारा बनाया कानून ही मान्य होता है।
अवशिष्ट विषय-शेष विषय केन्द्र सरकार को प्रदत्त किये गए हैं।
. (3) संविधान की सर्वोच्चता-भारत में संविधान की सर्वोच्चता है। यदि कोई सरकार ऐसा कानून बनाती है जो संविधान के प्रावधानों के विपरीत है तो न्यायालय ऐसे कानून को असंवैधानिक घोषित करके रद्द कर सकती है।
(4) न्यायपालिका की सर्वोच्चता-भारतीय संघीय व्यवस्था में न्यायपालिका स्वतंत्र तथा सर्वोच्च है। शक्तियों के बँटवारे के सम्बन्ध में कोई विवाद होने पर उसका फैसला सर्वोच्च न्यायालय में ही होता है।