दो सरल लोलकों की लम्बाई $5$ मीटर तथा $20$ मीटर है। इनमें छोटा सरल रेखीय विस्थापन एक ही समय तथा एक ही दिशा में है। ये फिर एक ही कला में होंगे जब छोटी लम्बाई वाले लोलक ने $.......$ दोलन पूरे करे?
[1997]
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$(c)$ माना शुरू होने के $t$ सेकंड बाद लोलक एक ही फेज में है। इस समय में बड़ा लोलक $n$ आवृर्त करेगा तथा छोटा $( n +1)$ आवृर्त करेगा
$n$ आवृर्त का समयकाल $=2 \pi \sqrt{\frac{20}{ g }} \times n$
$( n +1)$ आवृर्त का समयकाल $=2 \pi \sqrt{\frac{5}{ g }} \cdot( n +1)$
एक कला में होने के लिए-
$ 2 \pi \sqrt{\frac{20}{ g }} \times n =2 \pi \sqrt{\frac{5}{ g }} \times( n +1)$
$2 n = n +1$
$n =1 $
अत: छोटा लोलक $1+1=2$ दोलन करेगा।
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एक सरल लोलक एक क्षैतिज दिशा में ' $a$ ' त्वरण से चलती हुई ट्राली की छत से लटका है। उसका आवर्तकाल $T =2 \pi \sqrt{\frac{\ell}{ g }}$ से दिया जाता है जहां $g$ का मान होगा
एक कण का द्रव्यमान $m$ है। इसे विराम अवस्था से मोचित किया गया है और यह आरेख मे दिखाये गये अनुसार एक परवलीय मार्ग पर चलता है। यह मानते हुए कि कण का मूल स्थिति से विस्थापन कम है, कौन से ग्राफ कण की स्थिति को समय के फलन के रूप में सही दर्शाता है?
एक कण पर दो सरल आवर्तगतियां है। ये है$x = A \cos (\omega t +\delta) ; y = A \cos (\omega t +\alpha)$ जब $\delta=\alpha+\frac{\pi}{2}$, तो परिणामी गति होगी $-$
एक सरल लोलक का आयाम वास्तविक आयाम का $1 /$ 3 भाग हो जाता है जब वह 100 दोलन पूरे कर लेता है। जब वह 200 दोलन पूरे कर लेता है तो उसका आयाम $S$ भाग हो जाता है जहां $S$ का मान होगा-
दो तरंगों को क्रमशः $y _1= a \sin (\omega t + kx +0.57) m$ तथा $y _2= a \cos (\omega t + kx ) m,$ से निरूपित किया जाता है, जहाँ $x$ मीटर में और $t$ सैकण्ड में है, तो दोनों तरंगों के बीच कलान्तर है: