एक कण $m$ द्रव्यमान का है। वह ' $a$ ' आयाम की सरल आवृतगति करता है। उस पर $F =- kx$ का बल लगता है। कण की कुल ऊर्जा किस पर निर्भर करेगी?
[2001]
Download our app for free and get started
(b) कुल ऊर्जा $E =\frac{1}{2} m \omega^2 a ^2$
$
E =\frac{1}{2} ka ^2 \quad \text { जहां } k = m \omega^2
$
अतः कुल ऊर्जा का मान आयाम तथा स्प्रिंग नियतांक पर निर्भर करता है।
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक $m$ द्रव्यमान का पिण्ड ऊर्ध्वाधरत सरल: आवर्तगति करता है। जब द्रव्यमान को स्प्रिंग $A$ से लटकाया जाता है तो उसका आवर्तकाल $t_1$ तथा $B$ से लटकाने पर आवर्तकाल $t _2$ है। यदि $A$ तथा $B$ को दिये गये चित्र की तरह जोड़ा जाए तो आवर्तकाल $t _0$ दिया जाता है
दो सरल आवृत्तगति एक दूसरे के लम्बवत् है अर्थात् एक $x - $ अक्ष में तथा दूसरा $y-$ अक्ष में है। यदि दोनों का आयाम समान तथा कलान्तर $\pi / 2$ हो तो पथ होगा $-$
दो कण, एक दूसरे के निकट स्थित, दो समान्तर सरल रेखाओं के अनुदिश, समान आवृति और आयाम से दोलन कर रहे हैं। जब उनका विस्थापन उनके आयाम का आधा $(1 / 2)$ होता है तो वे एक दूसरे से विपरीत दिशा में गति कर रहे होते हैं। दोनों कणों की माध्य स्थिति, उनके मार्गों की लम्बवत् एक सरल रेखा पर स्थित है। तो कलान्तर है :