एक कार 200 मीटर की दूरी तय करती है। यात्रा का पहला आधा भाग वह 40 किमी/घंटा वेग से तथा दूसरा आधा भाग $v$ वेग से चलती है। यदि औसत वेग 48 किमी/घंटा है तो $v$ का मान है-
[1991]
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(b)
$
\begin{aligned}
& 48=\frac{200}{\frac{100}{40}+\frac{100}{ v }} \\
& \frac{1}{40}+\frac{1}{ v }=\frac{2}{40}=\frac{1}{24} \\
& \frac{1}{ v }=\frac{1}{24}-\frac{1}{20}=\frac{1}{60}
\end{aligned}
$$v =60$ किमी/घंटा
$
\begin{aligned}
& \text { [Alt : } v _{ av }=\frac{2 v _1 v _2}{ v _1+ v _2} \Rightarrow 48=\frac{2 \times 40 \times v }{40+ v } \\
& \Rightarrow v =60 km / h ]
\end{aligned}
$
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एक सरल रेखा के अनुदिश, किसी कण की गति को समीकरण, $x=8+12 t-t^3$ द्वारा परिभाषित (प्रकट) किया जाता है। जहाँ, $x$ मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है। वेग शून्य होने पर कण का मंदन है :
एक कण मूल बिन्दु $(0,0)$ से आरम्भ कर $( x , y )$ तल में एक सीधी रेखा पर चलता है। कुछ समय पश्चात् के क्षण पर इसके निर्देशांक $(\sqrt{3}, 3)$ होते हैं। इस कण के चलन पथ का $x$-अक्ष के साथ कोण होगा-
$x$-अक्ष की दिशा में गतिमान एक कण के समय $t$ पर त्वरण $f$ को $f = f _0\left(1-\frac{ t }{ T }\right)$, समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है, जबकि $f _0$ और $T$ नियतांक हैं। $t=0$ पर इस कण का वेग शून्य है। समय $t=0$ और उस क्षण के बीच अन्तराल में जबकि $f =0$ होगा, कण का वेग $\left( v _{ x }\right)$ होगा-
सीधी सड़क पर एक बस 10 मीटर / सेकण्ड की चाल से जा रही है। एक स्कूटरवाला बस को 100 सेकण्ड में पकड़ना चाहता है। यदि बस स्कूटरवाले से 1 कि.मी. की दूरी पर हो, तो स्कूटरवाले को बस का पीछा किस चाल से करना होगा:-
एक कार विरामावस्था से चलकर कुछ समय बाद $\alpha$ त्वरण प्राप्त कर लेती है तथा फिर $\beta$ मंदन से चलकर रूक जाती है। यदि कुल लिया गया समय $t$ हो तो कार का अधिकतम वेग होगा-