एक कण का विस्थापन समय के साथ $s=a t^2-b t^3$ से दिया जाता है। किसी क्षण इसका त्वरण होगा-
[1997]
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(b) $s = at ^2- bt ^3$
$
\begin{aligned}
& v=\frac{d s}{d t}=2 a t-3 b t^2 \\
& a=\frac{d v}{d t}=2 a-6 b t \\
& a=0 ; 2 a-6 b t=0 \\
& t=\frac{a}{3 b}
\end{aligned}
$
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एक कण मूल बिन्दु $(0,0)$ से आरम्भ कर $( x , y )$ तल में एक सीधी रेखा पर चलता है। कुछ समय पश्चात् के क्षण पर इसके निर्देशांक $(\sqrt{3}, 3)$ होते हैं। इस कण के चलन पथ का $x$-अक्ष के साथ कोण होगा-
एक बस किसी दूरी का एक तिहाई 10 किमी/घंटा वेग से, दूसरा तिहाई भाग 40 किमी/घंटा वेग से तथा तीसरा तिहाई भाग 60 किमी/घंटा वेग से चलती है। बस का औसत वेग होगा-
$x$-अक्ष पर किसी कण का समय $t$ के संदर्भ में निर्धारित स्थान $x$, समीकरण $x=9 t ^2- t ^3$ द्वारा व्यक्त किया जा सकता है, जबकि $x$ मी में तथा $t$ सेकेण्ड में है। $+x$ दिशा में कण का स्थान क्या होगा, जब उसकी चाल उच्चतम होगी?
ऊँचाई पर स्थिति एक प्लेटफार्म (चबूतरे) से, $t =0$ समय पर एक बॉल (गेंद) विरामावस्था से गिराई जाती है। $6 s$ के बाद, उसी प्लेटफार्म से एक अन्य बॉल $v$ की चाल से नीचे की ओर गिराई जाती है। दोनो बॉल $t =18 s$ पर मिल जाती हैं। $v$ का मान होगा?( $g$ का मान $10 m / s ^2$ लीजिये)
एक पत्थर मुक्त रूप से गुरुत्वाधीन गिरता है। यह पत्थर पहले पाँच $(5)$ सेंकडों में $h_1$ दूरी, उसे अगले 5 संकंडों में $h _2$ दूरी तथा उससे अगले $5$ सेंकडों में $h _3$ दूरी तय करता है, तो $h_1, h_2$ तथा $h_3$ से संबंध है:
एक मोटर गाड़ी $X$ से $Y$ तक अचर चाल $v _{ u }$ से चलती है और $Y$ से $X$ तक अचर चाल $v _{ d }$ से वापस आती है। इस पूरी यात्रा के लिये गाड़ी की औसत चाल होगी :