खिलाफत आन्दोलन का अर्थ- तुर्की का सुल्तान इस्लामिक विश्व का आध्यात्मिक नेता अर्थात् खलीफा माना जाता था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने तुर्की के सुल्तान पर एक कठोर और अपमानजनक सन्धि थोप दी। इससे भारतीय मुसलमानों में आक्रोश व्याप्त था। अतः उन्होंने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध खिलाफत आन्दोलन शुरू कर दिया।
खिलाफत आन्दोलन में गाँधीजी की भूमिका- गाँधीजी ने हिन्दुओं और मुसलमानों में एकता उत्पन्न करने के लिए खिलाफत आन्दोलन का समर्थन किया। सितम्बर, 1920 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाँधीजी ने दूसरे कांग्रेसी नेताओं को इस बात पर राजी कर लिया कि खिलाफत आन्दोलन के समर्थन और स्वराज के लिए एक असहयोग आन्दोलन शुरू किया जाना चाहिए।