गुरूत्वविहीन स्पेस (दिक्स्थान) में 50 किग्रा का एक व्यक्ति फर्श से 10 मी ऊँचाई पर खड़ा है। वह $0.5$ किग्रा द्रव्यमान के किसी पत्थर को 2 मी/से की चाल से नीचे की ओर फेंकता है। जब यह पत्थर फर्श पर पहुँचता है, तब व्यक्ति की फर्श से ऊँचाई होगी-
[2010]
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(b) बाह्य-बल कार्य नहीं कर रहे हैं। इसलिए संवेग संरक्षित होगा।
संवेग संरक्षण के अनुसार
$
50 u+0.5 \times 2=0
$
यहाँ $u$ आदमी का वेग है।
$
u=-\frac{1}{50}{m s^{-1}}^{-1}
$
$u$ का ऋणात्मक मान दर्शाता है कि आदमी ऊपर की ओर बढ़ रहा है।.
सतह पर पहुँचने में पत्थर द्वारा लिया गया समय
$
=\frac{10}{2}=5 s
$
आदमी द्वारा तय की गई दूरी $=5 \times \frac{1}{50}=0.1 m$
$\therefore$ जब पत्थर जमीन की सतह (फर्श) पर पहुँचेगा, तब आदमी की फर्श से दूरी $=10.1 m$
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किसी तख्ते के एक सिरे पर एक बक्सा रखा है। तख्ते के उस सिरे को धीरे - धीरे ऊपर की ओर उठाया जाता है। तख्ते के क्षैतिज से $30^{\circ}$ कोण बनाने पर बक्सा नीचे की ओर फिसलना प्रारम्भ करता है और $4.0 s$ में $4.0 m$ दूरी तय कर लेता है? तो बक्से तथा तख्ते के बीच स्थैतिक तथा गतिक घर्पण गुणांको का क्रमश: मान होगा:
एक ब्लाक $B$ को एक क्षैतिज तल पर आरम्भिक वेग $V$ से क्षण भर के लिये धकेला गया है। यदि $B$ और तल के बीच सर्पिल घर्षण गुणांक $\mu$ हो तो ब्लाक $B$ कितने समय के उपरांत विराम अवस्था को प्राप्त होगा?
एक पत्थर को $h$ ऊँचाई से गिराया जाता है। यह एक निश्चित संवेग $P$ से भू-तल से टकराता है, यदि इसी पत्थर को, इस ऊँचाई से $100 \%$ अधिक ऊँचाई से गिराया जाये तो भू-तल से टकराते समय इसके संवेग में परिवर्तन होगा :
$m$ द्रव्यमान के किसी कण पर आरोपित बल $F$ को बल समय ग्राफ द्वारा दर्शाया गया है। समय $t =0$ से $t =8$ सेकण्ड तक के अन्तराल में कण के संवेग में परिवर्तन होगा
एक 2 किग्रा द्रव्यमान के टुकड़े और मेज (जैसा कि चित्र में दिखाया गया है) के बीच स्थिर घर्षण का नियतांक, $\mu_s=0.2$ है। टुकड़े $B$ का द्रव्यमान अधिकतम कितना हो कि दोनों टुकड़े गति न करें? रस्सी और पुली को चिकनी और द्रव्यमान रहित मानें $\left( g =10\right.$ मीटर $/$ सेकंड $\left.^2\right)$ ।
2 किग्रा के ब्लॉक को कोणीय समतल पर 10 मीटर की ऊँचाई तक खिसकाने में 300 जूल कार्य किया जाता है। $g =10$ मीटर/सेकंड 2 लें और बताएँ कि घर्षण के विरुद्ध किया गया कार्य कितना है?
5 किग्रा का एक पिण्ड रखा हुआ है जो तीन टुकड़ों में $1: 1: 3$ के द्रव्यमानों के अनुपात में टूटता है। समान द्रव्यमान वाले पिण्ड एक दूसरे के लम्बवत् 21 मी/सेकंड से चलते है। सबसे भारी पिण्ड का वेग होगा-