लोकसभा भारतीय जनता की प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्यों का निर्वाचन प्रत्येक 5 वर्ष पर वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष ढंग से होता है । यह जनता की ओर से असली प्रतिनिधि सभा है। इसमें सदस्यों की संख्या 552 तक हो सकती है जिनमें 530 सदस्य विभिन्न राज्यों से एवं 20 सदस्य केन्द्रशासित प्रदेशों से चुनकर आते हैं।
शेष 2 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं । अनुसूचित जातियों ” के लिए 84 तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए 47 स्थान सुरक्षित है। लोकसभा का सदस्य वही हो सकता है जो-
- भारत का नागरिक हो।
- जिसने 25 वर्ष की आयु पूरा कर लिया हो।
लोकसभा के कार्य एवं अधिकार
(i) विधायिका संबंधी कार्य-लोकसभा को उन सभी विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है। वह संघ सूची, समवर्ती सूची तथा आवश्यकता पड़ने पर राज्य सूची पर भी नियम बनाता है।
(ii) वित्तीय अधिकार भारतीय संसद वित्त पर पूर्ण नियंत्रण रखती है। लोकसभा नये करों को लगाने, पुराने करों को कम करने अथवा हटाने की स्वीकृति प्रदान करती है। भारत का वित्तमंत्री प्रतिवर्ष आय-व्यय का लेखा संसद में पेश करता है। लोकसभा को यह अधिकार प्राप्त है कि खर्च की रकम कम कर दे या अस्वीकार कर दे।
(iii) कार्यपालिका संबंधी अधिकार-संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका विधायिका का एक सहायक निकाय है, इसलिए कार्यपालिका को हमेशा विधायिका के नियंत्रण में काम करना पड़ता है। कार्यपालिका निम्नलिखित तरीके से मंत्रीपरिषद पर नियंत्रण रखती है- (क) अविश्वास प्रस्ताव द्वारा, (ख) प्रश्न द्वारा, (ग) पूरक प्रश्न द्वारा, (घ) सरकारी विधेयक द्वारा, (ङ) सरकारी विधेयक को अस्वीकृत करके, (च) आलोचना करके, (छ) निंदा प्रस्ताव के द्वारा ।।