नियुक्ति-भारतीय संविधान के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति. राष्ट्रपति द्वारा होती है। राष्ट्रपति राज्यपाल की नियुक्ति केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह से करता है, जिसमें प्रधानमंत्री की भूमिका अधिक रहती है। राज्यपाल की नियुक्ति के लिए आवश्यक है-
- वह भारत का नागरिक हो
- वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
- वह किसी विधानमंडल या संसद का सदस्य नहीं हो ।
- वह किसी लाभ के पद पर न हो।
कार्य एवं अधिकार राज्य के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार हैं-
(i) कार्यपालिका संबंधी अधिकार राज्यपाल कार्यपालिका प्रधान होता है। इस कारण राज्य के सभी काम राज्यपाल के नाम होते हैं। राज्य के प्रमुख पदाधिकारियों की नियुक्ति करते हैं । राज्यपाल बहुमत दल के नेता को मुख्य मंत्री के पद पर नियुक्त करता है तथा मुख्यमंत्री की सलाह से मंत्री परिषद के अन्य सदस्यों की नियुक्ति करता है।
(ii) विधायिका संबंधी अधिकार-विधायिका क्षेत्र में निम्नलिखित अधिकार हैं
- राज्यपाल ही राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की बैठक बुलाता है। वह विधान सभा को भंग भी कर सकता है।
- राज्य सत्र के आरम्भ में विधानमंडल के दोनों सदनों को सम्बोधित करता है।
- वह विधानपरिषद के 1/6 सदस्यों को मनोनीत करता है।
- राज्यपाल के हस्ताक्षर के बिना कोई भी विधेयक कानून नहीं बन सकता।
- धन विधेयक राज्यपाल की स्वीकृति के बिना विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है।
(iii) न्यायपालिका संबंधी अधिकार-उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति राज्यपाल से भी परामर्श लेता है। वह किसी
अपराधी की सजा को कम कर सकता है या माफ भी कर सकता है।