विधानसभा राज्य विधान मंडल का प्रमुख सदन है। यह राज्य का प्रतिनिधि सभा है । इसके निम्नलिखित कार्य हैं
(i) विधान संबंधी अधिकार-विधान सभा कानून बनाने वाला प्रमुख सदन है। धन विधेयक तो सिर्फ विधान सभा में ही उपस्थापित किया जाता है। विधानसभा द्वारा पारित विधेयक पर विधान परिषद चार महीने के भीतर अपना अनुमोदन देने के लिए बाध्य है। चार महीना से अधिक विलम्ब होने पर विधेयक अपने आप पारित समझा जाता है। अतः विधि निर्माण में विधान सभा एक सशक्त सदन है।
(i) कार्यपालिका संबंधी अधिकार राज्य मंत्रिपरिषद अपने कार्यों के लिए विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होता है। मंत्रिपरिषद को विधानसभा के सदस्य काम रोको प्रस्ताव एवं निंदा प्रस्ताव लाकर मंत्रिपरिषद को नियंत्रित रखती है।
(iii) वित्तीय शक्तियाँ-विधानसभा को राज्य के वित्त पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त है। वित्त विधेयक सबसे पहले विधानसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। वित्त विधेयक में अन्तिम निर्णय विधान सभा के अध्यक्ष ही दे सकता है। जहाँ तक विधान परिषद का अधिकार है वह वित्त विधेयक को 14 दिनों तक ही रोक कर रख सकती है। 14 दिनों के अन्दर वह वापस नहीं करती तो धन विधेयक अपने आप पारित समझा जाता है।
(iv) विविध अधिकार-विविध अधिकार निम्नलिखित हैं-
(क) राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेना
(ख) संवैधानिक संशोधन में सहयोग करना
इस प्रकार विधान मंडल एक लोकप्रिय तथा शक्तिशाली सदन है।