प्रतान पतले धागे-सदृश प्ररोह एवं पत्तियाँ होते हैं जो किसी कमजोर प्रराह वाले पादप में ऊपर की ओर चढ़ने में सहायता करते हैं। जब किसी प्रतान से कोई वस्तु सम्पर्क में आती है तो ऑक्सिन वस्तु के दूर वाले भाग की तुलना में तेजी से विसरित होकर वृद्धि को उद्दीपित करता है। इसी कारण से प्रतान वस्तु के चारों ओर कुण्डलित हो जाता है। अतः प्रतान का वह भाग जो वस्तु के सम्पर्क में होता है उतनी तीव्रता से वृद्धि नहीं करता जितना वस्तु से दूर वाला भाग करता है।