I. कपड़े पर छपाई
राजस्थान में कपड़े पर छपाई की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं:
(1) राजस्थान में कपड़ों पर अनेक किस्म की छपाई का काम होता है।
(2) बगरू, सांगानेर, आकोला, बाड़मेर, कालाडेरा, पाली और बस्सी इन कामों के लिए विशेष प्रसिद्ध हैं।
(3) गोबर, तिल्ली का तेल, बकरी की मेंगनी और सोड़े के मिश्रण से एक घोल बनाया जाता है। इसमें कपड़े को पूरी रात भिगोने के बाद सुखाया जाता है। सूखने के बाद उसे फिर से हरड़ के घोल में डुबाया जाता है। फिर लकड़ी के छापों (ब्लॉक्स) से उन पर छपाई की जाती
(4) छपाई के लिए पहले सीमित और प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता था। अब सिन्थेटिक (अप्राकृतिक) रंग का भी उपयोग होता है।
II. कशीदाकारी एवं गोटाकारी
राजस्थान के अनेक स्थानों पर कपड़ों पर कशीदाकारी एवं गोटाकारी भी की जाती है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं:
(1) कशीदों में मुख्यतः पशुओं के चित्र उकेरे जाते हैं।
(2) कई जगहों पर कपड़ों को तरह-तरह से काटकर, कपड़ों पर सिल दिया जाता है, जिसे. पेचवर्क कहा जाता है।
(3) गोटे, किनारी और आरी-तारी का काम भी राजस्थान की विशेषता है।