राजस्थान की सांस्कृतिक विविधता-राजस्थान सांस्कृतिक दृष्टि से विविधतापूर्ण है। इसे निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
(1) राजस्थान में अनेक धर्म व सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं, जैसे—हिन्दू, मुस्लिम, जैन, बौद्ध, सिक्ख, ईसाई आदि।
(2) दक्षिण राजस्थान में एक बड़ी संख्या आदिवासियों की है, जिनमें भील, मीणा, सहरिया, गरासिया, डामोर आदि प्रमुख हैं।
(3) राज्य में भाषा, वेशभूषा, रहन-सहन, खानपान, रीतिरिवाज आदि में भी विविधता दिखाई देती है।
(4) राजस्थान की मातृभाषा राजस्थानी है। राजस्थान के विभिन्न अंचलों में अनेक प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं, परन्तु मुख्य रूप से राजस्थानी भाषा को दो रूपों में जाना जाता है
(i) पूर्वी राजस्थानी भाषा
(ii) पश्चिमी राजस्थानी भाषा।
(5) रजास्थान में अनेक पर्व व त्यौहार, हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाये जाते हैं। जैसे होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, महावीर जयंती, गुरु नानक जयंती, क्रिसमस आदि। साथ ही यहाँ गणगौर, तीज, अष्टमी, अक्षय तृतीया आदि पर्व एवं अनेकानेक मेले और गवरी, गैर, रम्मत नृत्य एवं लोक गीत हमारी परंपराओं को दर्शाते हैं। इस प्रकार राजस्थान सांस्कृतिक दृष्टि से विविधतापूर्ण है।