(1) पुष्कर मेला: पुष्कर मेला अजमेर जिले के पुष्कर में कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होता है। इस अवसर पर यहाँ विशाल बाजार लगता है और देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। यहाँ अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, जिसमें मेलार्थी उत्साह से भाग लेते हैं। पुष्कर में सुप्रसिद्ध ब्रह्माजी का मंदिर और झील भी मेले के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है। सायंकाल यहाँ दीपदान होता है।
(2) कोटा दशहरा मेला: कोटा के महाराव दुर्जनशाल सिंह के शासनकाल में दशहरा पर्व पर विभिन्न राजसी सवारियों, दरीखाना और पूजा-अर्चना की जाती थी। महाराव उम्मेदसिंह द्वितीय के शासन काल 1889 से 1940 में, दशहरा पर्व को अत्यधिक आकर्षक बनाने का सिलसिला शुरू हुआ और मेले का आयोजन किया जाने लगा। वर्तमान में कोटा दशहरा मेला अपने वैभव एवं विशालता को लेकर प्रसिद्ध है।
(3) हरियाली अमावस्या मेला: यह मेला उदयपुर में आयोजित किया जाता है। इस मेले की शुरुआत महाराणा फतेहसिंह ने 1899 ई. में की थी। यहाँ प्रतिवर्ष हरियाली अमावस्या को भव्य मेला आयोजित किया जाता है। हिन्दू सभ्यता में लोग इसे 'सावन' की शुरुआत के तौर पर मनाते। हैं। श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में लगने वाला यह मेला सावन और उससे मिलने वाली खुशी का संचार करता है।