तीन सदिश $\overrightarrow{ A }, \overrightarrow{ B }$ तथा $\overrightarrow{ C }$ के परिणाम क्रमशः 3,4 , 5 मात्रक है। यदि $\overrightarrow{ A }+\overrightarrow{ B }=\overrightarrow{ C }$ तो $\overrightarrow{ A }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के बीच का कोण है।
[1988]
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(a) $A ^2+ B ^2= C ^2$ अत: $\overrightarrow{ A } \perp \overrightarrow{ B }$
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एक कण $\frac{20}{\pi}$ मीटर त्रिज्या वाले वृत्तीय यहा पर एक समान त्वरण से चलता है। यदि गति शुरू होने के बाद दूसरे चक्कर के खत्म होने पर कण का वेग 80 मी/सेकंड है, तो इसका स्पर्शरेखीय त्वरण है:
एक कार 100 मीटर त्रिज्या वाले वृत्ताकार पथ पर समान चाल से गति कर रही है। यह प्रत्येक चक्कर $62.8$ सेंकड में पूरा करती है। प्रत्येक चक्कर का औसत वेग और औसत चाल क्रमशः है:
समय के फलन के रूप में किसी कण का स्तिथि सदिश $\overrightarrow{ R }$ दिया गया है:
$
\vec{R}=4 \sin (2 \pi t) \hat{i}+4 \cos (2 \pi t) \hat{j}
$जहाँ $R$ मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है और $\hat{ i }$ तथा $\hat{ j }$ क्रमश: $X$-तथा $y$-दिशाओं के अनुदिश एकांक सदिश हैं। इस कण की गति के लिये निम्नांकित में से कौनसा कथन सही नहीं है?
एक बंदूक से एक गोली 1000 मी/सेकंड से 100 मी दूर किसी लक्ष्य पर दागी जाती है। लक्ष्य से कितनी ऊंचाई पर बंदूक को रखना होगा? (हवा का घर्षण नगण्य है तथा $g=10$ मी $/$ सेकंड $^2$ )
एक प्रक्षेपास्त्र को अधिकतम परास के लिए प्रक्षेपित किया गया है। इसका प्रारम्भिक वेग $20 m / s$ है। यदि $g =10 m / s ^2$ हो तो प्रक्षेपास्त्र का परास होगा:
दो कण $A$ तथा $B$ एक छड़ $AB$ पर है। यह छड़ लम्बवत् रेलों पर फिसलती है। $A$ का वेग बायें की ओर 10 मी/सेकंड है तो $B$ का वेग होगा यदि $\alpha=60^{\circ}$
एक प्रक्षेप्य को क्षैतिज से $45^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किया गया है, तो प्रक्षेप बिन्दु से देखने से, प्रक्षेप्य के उच्चतम बिन्दु पर उसका उन्नयन कोण होगा: