भारतीय संसद संघ की विधानपालिका है और संघ की सभी विधायिनी शक्तियाँ उसे प्राप्त हैं। इसके अतिरिक्त उसे और भी कई शक्तियाँ प्राप्त हैं। संसद को निम्नलिखित शक्तियाँ दी गई हैं-
विधायिनी शक्तियाँ-इसका मुख्य कार्य है कानून बनाना ।
वित्तीय शक्तियाँ-संसद राष्ट्र के धन पर नियंत्रण रखती है । वित्तीय वर्ष के आरम्भ होने से पहले बजट संसद में पेश किया जाता है ।
कार्यपालिका पर नियंत्रण-संसद हर कार्य के लिए उत्तरदायी है।
राष्ट्रीय नीतियों का कार्यान्वयन कार्यान्वयन करना भी संसद का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
संवैधानिक शक्तियाँ संविधान संशोधन का भी अधिकार इस प्राप्त है।
विकास संबंधी कार्य-आधुनिक काल में सरकार का स्वरूप लोक कल्याणकारी हो गया है । इसका उद्देश्य केवल जनता की जानमाल की रक्षा ही नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास है । जैसे-सड़कें बनवाना, रोशनी की व्यवस्था करना, सिंचाई की व्यवस्था, विद्यालयों, महाविद्यालयों की स्थापना करना, आवास के लिए भवनों का निर्माण कराना, अस्पताल की व्यवस्था करना, सफाई पर ध्यान देना इत्यादि ।
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