यूरोप के बाजारों में भारत के बने बारीक सूती कपड़े और रेशम की जबरदस्त मांग थी। इसके अलावा कालीमिर्च, लौंग, इलाइची और दालचीनी की भी वहाँ जबरदस्त माँग रहती है। अंग्रेजी व्यापारिक कंपनियाँ यहाँ से सस्ती चीजें खरीदकर उन्हें यूरोप में ऊँची कीमत पर बेच सकती थी। इसीलिए अंग्रेज भारत में व्यापार करना चाहते थे।