(1) जिला को नया प्रशासनिक इकाई बनाया गया। इसके प्रशासनिक प्रमुख का कार्यभार कलेक्टर को सौंपा गया।
(2) जिलाधिकारी का प्रमुख कार्य लगान एवं कर का संग्रह करना तथा जिले में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना था।
(3) अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए कलेक्टर न्यायाधीशों, पुलिस अधिकारियों एवं दारोगा की मदद लेता था।
(4) उसका कार्यालय 'कलेक्ट्रेट' सत्ता के नए केन्द्र के रूप में उभरा तथा उसने पुराने सत्ता केन्द्रों को हाशिये पर धकेल दिया।