बक्सर के युद्ध (1764) के बाद कम्पनी ने अपने हितों की रक्षा तथा उन्हें आगे बढ़ाने के लिए भारतीय रियासतों में रेजिडेन्ट तैनात किये। ये कम्पनी के राजनीतिक या व्यावसायिक प्रतिनिधि होते थे। इनके माध्यम से कम्पनी के अधिकारी रियासतों के अन्दरूनी मामलों में भी दखल देने लगे थे। अगला राजा कौन होगा, किस पद पर किसको बिठाया जायेगा, आदि बातें भी इनके माध्यम से कम्पनी ही तय करती थी।