ब्रिटेन में खाद्य पदार्थों के मूल्य में गिरावट आने से ब्रिटेन में उपभोग का स्तर बढ़ गया। औद्योगिक प्रगति काफी तेज होने के कारण लोगों की आय बढ़ गई। इस पर ब्रिटिश सरकार ने खाद्य पदार्थों का और भी अधिक मात्रा में आयात किया। इंग्लैण्ड के लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पूर्वी यूरोप, रूस, अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में ब्रिटेन की भोजन सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति के लिए जमीनों को साफ करके खेती की जाने लगी।
नई जमीनों पर खेती करने के लिए यह आवश्यक था कि दूसरे क्षेत्रों के लोग वहाँ आकर बसें । इन समस्त कार्यों के लिए पूँजी और श्रम की आवश्यकता थी। इसके लिए अमेरिका तथा आस्ट्रेलिया में पलायन करने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ने लगी क्योंकि इन देशों में मजदूरों की कमी थी। 19वीं सदी में यूरोप के लगभग 5 करोड़ लोग अमेरिका और आस्ट्रेलिया में जाकर बस गए।