एक बालक $20 m$ ऊँची मीनार के शीर्ष पर खड़ा है और वह एक पत्थर गिराता है। यदि $g =10 ms ^{-2}$ हो तो पत्थर का पृथ्वी तल पर टकराते समय वेग होगा:
[2011]
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(b) यहाँ, $u =0$
हम जानते हैं, $v ^2= u ^2+2 gh$
$
\begin{aligned}
\Rightarrow v & =\sqrt{2 gh } \\
& =\sqrt{2 \times 10 \times 20} \\
& =20 m / s
\end{aligned}
$
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एक पत्थर मुक्त रूप से गुरुत्वाधीन गिरता है। यह पत्थर पहले पाँच $(5)$ सेंकडों में $h_1$ दूरी, उसे अगले 5 संकंडों में $h _2$ दूरी तथा उससे अगले $5$ सेंकडों में $h _3$ दूरी तय करता है, तो $h_1, h_2$ तथा $h_3$ से संबंध है:
सीधी सड़क पर एक बस 10 मीटर / सेकण्ड की चाल से जा रही है। एक स्कूटरवाला बस को 100 सेकण्ड में पकड़ना चाहता है। यदि बस स्कूटरवाले से 1 कि.मी. की दूरी पर हो, तो स्कूटरवाले को बस का पीछा किस चाल से करना होगा:-
एक पिण्ड को एक टॉवर के शिखर से छोड़ा गया। यह यात्रा के अंतिम दो सेकण्डों में 40 मी. चलता है। तो टॉवर की ऊंचाई होगी $\left( g =10\right.$ मी/सेकंड $\left.{ }^2\right)$
एक कण अचर त्वरण के साथ एक सीधी रेखा पर चल रहा है। गति पथ में एक स्थान पर $t$ सैकण्ड में 135 मीटर दूरी चलने पर इसका वेग $10 ms ^{-1}$ से $20 ms ^{-1}$ हो जाता है। $t$ का मान होगा:
$x$-अक्ष की दिशा में गतिमान एक कण के समय $t$ पर त्वरण $f$ को $f = f _0\left(1-\frac{ t }{ T }\right)$, समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है, जबकि $f _0$ और $T$ नियतांक हैं। $t=0$ पर इस कण का वेग शून्य है। समय $t=0$ और उस क्षण के बीच अन्तराल में जबकि $f =0$ होगा, कण का वेग $\left( v _{ x }\right)$ होगा-
एक कण मूल बिन्दु $(0,0)$ से आरम्भ कर $( x , y )$ तल में एक सीधी रेखा पर चलता है। कुछ समय पश्चात् के क्षण पर इसके निर्देशांक $(\sqrt{3}, 3)$ होते हैं। इस कण के चलन पथ का $x$-अक्ष के साथ कोण होगा-