दो सरल आवृत्तगति एक दूसरे के लम्बवत् है अर्थात् एक $x - $ अक्ष में तथा दूसरा $y-$ अक्ष में है। यदि दोनों का आयाम समान तथा कलान्तर $\pi / 2$ हो तो पथ होगा $-$
[1997]
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$(a) y=a \sin \ (\omega t+\phi)$
$ x = A \sin \ \left(\omega t +\phi+\frac{\pi}{2}\right)$
$x = a \cos\ (\omega t +\phi)$
$( i )+( ii )$
$x ^2+ y ^2= A ^2 $
अत : यह वृत्त होगा।
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एक कण पर दो सरल आवर्तगतियां है। ये है$x = A \cos (\omega t +\delta) ; y = A \cos (\omega t +\alpha)$ जब $\delta=\alpha+\frac{\pi}{2}$, तो परिणामी गति होगी $-$
एक कण पर रेस्टोरिंग बल उसके विस्थापन के समानुपाती है तथा घर्षण बल उसके वेग के समानुपाती है जबकि उस पर $F \sin \omega t$ का बल कार्य करता है। यदि कण का आयाम $\omega=\omega_1$ पर अधिकतम हो तथा कण की ऊर्जा $\omega=\omega_2$ पर अधिकतम हो तो
एक कण आयाम $a$ के साथ सरल आवर्ती दोलन करता है। इसका दोलनकाल $T$ है। इस कण को अपनी साम्य अवस्था से आयाम की आधी दूरी चलने में लगने वाला कम से कम समय होगा $-$
किसी पिण्ड $($वस्तु$)$ के चिकेने क्षैतिज पृष्ठ $($सतह$)$ पर दोलनों के समीकरण को $X=A \cos (\omega t)$ द्वारा निरूपित किया जाता है, जहां $X=t$ समय पर विस्थापन $\omega=$ दोलनों की आवृत्ति तो, $t$ के साथ $a$ के विचलन $($परिवर्तन$)$ को कौन $-$ सा ग्राफ $($आलेख$)$ सही रूप में दर्शाता है ?