अवध रियासत ने कम्पनी के साथ सहायक सन्धि कर रखी थी। इस सन्धि के तहत रियासत की सुरक्षा की जिम्मेदारी कम्पनी पर आ जाती थी तथा 'सहायक सेना' के रख-रखाव के लिए रियासत कम्पनी को पैसा देती थी। अवध का नवाब 'सहायक' सेना के रख-रखाव के लिए कम्पनी को भुगतान नहीं कर पाया था अतः 1801 में कम्पनी ने नवाब को अपना आधा इलाका कम्पनी को सौंपने को मजबूर कर दिया।