निर्धारित कीजिए कि नीचे दिए गए प्रकार से परिभाषित संक्रिया $*$ से एक द्विआधारी संक्रिया प्राप्त होती है या नहीं। उस दशा में जब $*$ एक द्विआधारी संक्रिया नहीं है, औचित्य भी बतलाइए।
$R$ में, संक्रिया $ *, a * b=a b^{2}$ द्वारा परिभाषित
Exercise-1.4-1(3)
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$R$ में संक्रिया $*, a * b=a b^{2}$ द्वारा परिभाषित है। चूँकि किसी वास्तविक संख्या का वर्ग भी एक वास्तविक संख्या होती है। पुनः हम जानते हैं कि दो वास्तविक संख्याओं का गुणनफल भी एक वास्तविक संख्या होती है। अतः प्रत्येक $a, b \in R$ के लिए $ab^2, R$ में एक अद्वितीय वास्तविक संख्या है। अतः $R$ में संक्रिया *, जोकि $a * b=a b^{2}$ द्वारा परिभाषित है। एक द्विआधारी संक्रिया है।
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    मान लीजिए कि L किसी समतल में स्थित समस्त रेखाओं का एक समुच्चय है तथा $\mathrm{R}=\left\{\left(\mathrm{L}_{1}, \mathrm{~L}_{2}\right): \mathrm{L}_{1}, \mathrm{~L}_{2}\right.$ पर लंब है$\}$ समुच्चय $L$ में परिभाषित एक संबंध है। सिद्ध कीजिए कि $R$ सममित है किंत यह न तो स्वतल्य है और न संक्रामक है।
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    निर्धारित कीजिए कि नीचे दिए गए प्रकार से परिभाषित संक्रिया $*$ से एक द्विआधारी संक्रिया प्राप्त होती है या नहीं। उस दशा में जब $*$ एक द्विआधारी संक्रिया नहीं है, औचित्य भी बतलाइए।
    $Z^+$ में, संक्रिया $ *, a * b=a $ द्वारा परिभाषित
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  • 9
    मान लीजिए कि कक्षा X के सभी 50 विद्यार्थियों का समुच्चय A है। मान लीजिए $f: \mathrm{A} \rightarrow \mathbf{N}, f(x)=$ विद्यार्थी x का रोल नंबर, द्वारा परिभाषित एक फलन है। सिद्ध कीजिए कि f एकैकी है किंतु आच्छादक नहीं है।
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  • 10
    समुच्चय A = {1, 2, 3} से स्वयं तक सभी एकैकी फलन की संख्या ज्ञात कीजिए।
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