आज विश्व के सभी देशों में कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र की उत्पादन विधियों एवं तकनीक में परिवर्तन हो रहे हैं। इन परिवर्तनों से सेवा क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन मिला है। सेवा क्षेत्र किसी देश का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हो गया है। तथा इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ निरंतर बढ़ रही है।
सेवा क्षेत्र की पारंपरिक सेवाओं में परिवहन वित्त, संचार विपणन, व्यापार आदि महत्वपूर्ण है। सेवा क्षेत्र में ‘शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को भी सम्मिलित किया जाता है। सेवा क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था करती है तथा इससे आर्थिक विकास के साथ ही इनमें रोजगार के अवसरों में बहुत वृद्धि हुई है। सुरक्षा सेवाओं के बाद रेलवे देश में सबसे अधिक लोगों को ।। रोजगार प्रदान करता है।
ग्रामीण सड़कों के निर्माण द्वारा बहुत अधिक रोजगार-सृजन संभव है। जहाजरानी और विमान सेवाएँ भी आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन में सहायता प्रदान कर रही है।
वित्तीय सेवाओं का जैसे बैंकिंग और बीमा क्षेत्र का बहुत अधिक विस्तार हुआ है। शहरीकरण विनिर्माण, व्यापार आदि की प्रगति के साथ ही बीमा क्षेत्र की सेवाओं की मांग निरंतर बढ़ रहवी है। उदारीकरण के फलस्वरूप भी हमारे विदेश व्यापार में बहुत वृद्धि हुई है।
आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन की दृष्टि से संचार सेवाएँ बहुत महत्वपूर्ण है। आज देश में संचार उपग्रह और सूचना प्रौद्योगिकी के विकास से नई-नई प्रकार के उद्योगों तथा रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। टेलीविजन की वाणिज्य सेवाएं व्यापार के विस्तार में बहुत सहायक सिद्ध हुई है। संचार सेवाओं में कंप्यूटर का योगदान भी महत्वपूर्ण है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उद्योग श्रम-प्रधान है तथा इसके उत्पादन में भारत विश्व का एक अग्रणी देश माना जाने लगा है।