भारतीय आरंभ से ही विश्व के विकसित देशों में जाकर अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे हैं। अपने देश में अवसरों की कमी तथा इन देशों का उच्च जीवन-स्तर ही भारतवासियों को विकसित देशों में जाने के लिए प्रेरित करता हैं सूचना और संचार-प्रौद्योगिकी का बहुत तेजी से विस्तार तथा विकास होने से आज विभिन्न देश के निवासियों से संपर्क करना तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान अधिक आसान हो गया है। अब हम अपने देश में रहकर ही विश्व के अन्य देशों को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। इससे सेवा क्षेत्र के उत्पादन का भी निर्यात तेजी से होने लगा है। हमारे देश में श्रम की बहुलता है। इसके फलस्वरूप यहाँ कई प्रकार की सेवाएँ अपेक्षाकृत कम कीमत पर उपलब्ध है। इसका लाभ उठाने के लिए विकसित देशों की अनेक कंपनियां अब अपनी सेवाओं का भारत तथा अन्य विकासशील देशों में आउटसोर्सिंग करने लगी है। इस प्रकार श्रम की बहुलता तथा सेवाओं की कम कीमत में उपलब्धता ही ने भारत का विश्व में सेवा प्रदाता के रूप में समाने आया है।