संसारभर में पुस्तकों की बढ़ती हुई माँग को पूरा करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए गए-
गुटेनबर्ग ने प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार कर किताबों की बढ़ती माँग को पूरा करने में सफलता प्राप्त की। लगभग 100 वर्षों के दौरान (1450-1550) यूरोप के अधिकांश देशों में छापेखाने लग गए। पुस्तक उत्पादन में भी अत्यधिक बढ़ोतरी हुई।
19वीं सदी के मध्य तक न्यूयार्क के रिचर्ड एम. हो ने शक्तिचालित बेलनाकार प्रेस को कारगर बना दिया।
19वीं सदी के अन्त तक ऑफसेट प्रेस आ गया, जिससे एक साथ छ: रंग की छपाई सम्भव थी।