सत्रहवीं सदी तक आते-आते चीन में शहरी संस्कृति के फलने-फूलने से छपाई के प्रयोग में निम्न विविधता आई-
विद्वान और अधिकारी वर्ग के साथ-साथ अब व्यापारी भी अपने दैनिक कारोबार की जानकारी लेने के लिए मुद्रित सामग्री का प्रयोग करने लगे।
अब पढ़ना एक शौक भी बन गया। नए पाठक-वर्ग को काल्पनिक किस्से, कविताएँ, आत्मकथाएँ, शास्त्रीय साहित्यिक रचनाओं के संकलन और रूमानी नाटक पसन्द थे।
धनी महिलाओं ने पढ़ना शुरू कर दिया। कुछ महिलाओं ने अपने द्वारा रचित काव्य और नाटक भी छापे।